रहस्य

>> गुरुवार, 25 दिसंबर 2008


इस बात की क्यों हो चिंता
कब आए , कब जायेंगे
आने -जाने के बीच है जीवन
मस्त होके हम बीतायेंगे ।

जीवन को हम गाएंगे
जीवन को हम पाएंगे

दो आँखे मेरी देखे ,जीवन के दो रंग
जाने कहे कितनी बातें ज्ञानी संत
सुख और दुःख दो रंगों जैसे
मस्ती से जीवन हुआ एक रंग


मस्ती कहती है चिंता को तजो
जीवन में बस मस्त रहो
बढ़ते जाओ चलते जाओ
मस्ती में रमते जाओ

मस्ती संग जीवन के आई
मस्ती का संग कभी न छूटेगा
मृत्यु भी होगी उत्सव
मस्ती का उत्सव होगा ।

जो रहस्य है रहस्य ही रहने दो
बस जीवन में मस्ती ही होने दो

एक यज्ञ है मस्ती
एक सत्य है मस्ती
और मस्ती ही मुक्ति
आओ छोड़े दुःख को
आओ तजे हम चिंता

मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली !!
हर रहस्य का उत्तर मस्ती
इस धरा पर यही है मुक्ति

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जीवन क्यारी

>> शुक्रवार, 19 दिसंबर 2008


जीवन कर ले फूलों की क्यारी ,
नए आलम की कर ले तैयारी
मस्ती मस्ती फूल खिला ले
अपना जीवन हम महका ले

जिसके मन मस्ती होती
उसके मन बसता भगवन
मस्ती के तिलक का चंदन
करता आत्मा पावन
मत लादो बोझ मन पर
मन को थोड़ा हल्का कर लो
मस्ती का तीरथ पी कर
जीवन को तीरथ कर लो

मन का बोझ हल्का करना होगा
पाप पुन्य का भेद मिटाना होगा
न कोई पाप न ही कोई पुन्य
मस्ती से मिले ब्रह्म ॐ का शून्य

अनहद जब मस्ती में गूंजे
अनहद रस मस्ती में छलके
मस्ती में छलका लो ख़ुद को
मस्ती में पा लो ख़ुद को

मेरे प्रियतम! मेरे हमजोली
मस्ती में आओ मिले ख़ुद से
मस्ती में मिल ले खुदा से

कोई पाप पुन्य नही मन में
बस मस्ती ही हो इस जीवन में
बड़ी बड़ी बातों की गठरी
बड़े बड़े भय थे मन के
जब से जीवन मस्त हुआ
अब कोई भय नही मन में

वो परमात्मा है वो सबका रखवारा
उसको भी मस्ती है भाती
मस्ती में उसकी सांसे गाती
चाहे उससे पूछ के देखो
मस्ती में कभी उसको पूज के देखो

मेरे प्रियतम !!मेरे हमजोली
मस्ती की पूजा से हम भगवन को पूजे
मस्ती से कर ले उसको प्रसन्न
जीवन को कर ले फूलो की क्यारी
मस्ती में हो जाए हम मग्न

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मस्ती राखिये

>> बुधवार, 17 दिसंबर 2008


मन में मस्ती राखिये,मस्ती बिना सब सून
मस्ती मिले जो जीवन में ,खिल जाए प्रसून

मस्ती मन से चाखिये ,मस्ती दिल में राखिये
मस्ती हिलोरे लेकर ,मस्ती में भीतर झांकिए

मस्ती वो पारस से है ,जीवन को सोना कर दे
मस्ती निर्मल जल के जैसे ,पाप तेरे धो दे

मस्ती ह्रदय बसाइए ,मस्ती ह्रदय खिलाइए
मस्ती का उजियारा हर घट फैलाइए

मन में मस्ती राखिये,मस्ती बिना सब सून
मस्ती मिले जो जीवन में ,खिल जाए प्रसून

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नव बोध

>> मंगलवार, 9 दिसंबर 2008


जैसे कस्तूरी बसे मृग में
और ढूंढे वो उसे वन में
वैसे ही ईश बसे हम सब में
हम भटके वन वन में

मस्ती की कस्तूरी से
जीवन सुगंध पाता है

जब मस्ती मिल जाती है
ईश भी मिल जाता है
मस्ती ख़ुद से मिलना है
मस्ती ईश में रमना है

अंतर दृष्टि खुल जाती है
नव बोध हो जाता है
मस्ती के नयनो को पाकर
आत्म ज्ञान जाता है

नव बोध मस्ती सुबोध

मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली !!
आओ नया बोध हम पाए
कोमल सा मन को करके
हम भगवन से मिल जाए


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मस्ती दर्पण

>> रविवार, 7 दिसंबर 2008


मस्ती मन का दर्पण है ,
मस्ती माधव का वृन्दावन है
मन दर्पण झांक के देखो
मन का झरोखा खोल के देखो

मन की गांठ जब खुलती है
एक नई चेतना उदित होती है

मन का दर्पण झांक के देखो
रु ब रु हो जाओ ख़ुद से
मस्ती में ही मिल लो ख़ुद से
मस्ती में ही मिल लो रब से

जिस मन मस्ती बसती है
मन बन जाता वो मन्दिर

मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली !!
आओ बनाये हम
मन को मन्दिर
मन मन्दिर में भगवन पाए
मस्ती के मन दर्पण में
दुनिया को भी उजाला पायें

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जीवन को लय में लायें

>> शनिवार, 29 नवंबर 2008

(मुंबई में आंतक का शिकार हुए लोगो को विनम्र और अश्रुपूर्ण श्रद्धा सुमन के साथ सादर )

माना रात का दर्द गहरा है
लेकिन
ये भी उतना सच है
गहरी
रात के बाद ही सवेरा है
माना
काली रात को भुलाना
इतना
आसान नही

माना
काली रात का दर्द अभी
इतनी
ज़ल्दी भरेगा भी नही
किंतु
नियति यही कहती है
जो
बीत गया उसे बिसराओ

जीवन
की नई शुरुआत के लिए
मस्ती
की राह पर जाओ
शोक
में भी गीत गाओ
पीड़ा
में भी जीत गाओ
मस्ती
यही सिखाती है
हर
दर्द में भी ये मुस्काती है

माना
जटिल होगा शोक में
कंठ
से गीतों का बहना
दर्द को पीना सीखना होगा
क्योंकि
जीवन है सबसे बड़ा
इस प्रहार से जो दर्द मिला
उसको
शक्ति की ढाल बना

मस्ती
में ये दर्द भी पी लेंगे
मस्ती
से जीवन बनायेंगे
जहाँ दर्द दहशत होगी
जहाँ
बस मस्ती होगी
मस्ती
जैसी भक्ति होगी

मेरे
प्रियतम !मेरे हमजोली!
आओ
भुला दे हर वेदना को
जीवन
को जिए अब नए सिरे से
जीवन में नए उजाले भर लायें

जीवन
को नई लय में लाये
जीवनको
उल्लास बनाये
जीवन
को फिर से उत्सव बनाये
अमन के शत्रु को अपना
हौसला
हम दिखलाये

जीवन
को फ़िर से लय में लाकर
हम
जीवन का गीत कोने कोने पहुंचाएं
जीवन को लय में लायें
मस्ती
में जीवन को गायें


(मुंबई में आंतक की काली रात की समाप्ति के बाद अब चुनौती जीवन को फ़िर से पटरी पर लाने की हैहमारे देश ने हमेशा समूची दुनिया का कल्याण चाहा हैआध्यात्म ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है .इस पीड़ा में भी हम जीवन के गीत गाने नही छोडेंगे ...हम प्रेम शान्ति और अमन का संदेश देना हमेशा की तरह जारी रखेंगेहमने जीवन की जय का गीत गाना नही छोड़ा ...दहशतगर्दो यही तुम्हारी सबसे बड़ी हार है ...!!!)

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मस्ती मदिरा

>> सोमवार, 24 नवंबर 2008


बदले ख़ुद की हस्ती
पल पल जीवन कर ले मस्ती
मस्ती मस्ती मेरी भक्ति
मस्ती मस्ती मेरी मुक्ति

मस्ती को मदिरा को पी ले
मस्ती में हो जाए बेसुध
होके बेसुध साध ले जीवन
मस्ती में करदे ख़ुद को अर्पण

मयकदे मस्ती के जब झूमते हैं
खुदा के आँगन को ये चूमते हैं

मस्ती की इस मदिरा में
आओ डूबे
मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली !!

मस्ती की मदिरा में झूमें
मस्ती की मदिरा को पीके
कर ले भवसागर पार हम
मेरे हमजोली

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आ पा ले मस्ती में ख़ुद को

>> शुक्रवार, 21 नवंबर 2008


मेरा अब कुछ भी नही
मैं अब कुछ भी नही
मस्ती मिली जब से मुझको
सौपं दिया मस्ती में ख़ुद को

स्वीकार किया मस्ती को
तन मन जीवन तब से
हो गया अब बेडापार
मस्ती ने खोल दिये हृदय के द्वार

मस्ती स्वीकार परमपिता का
मस्ती ही मुक्ति का द्वार

भाव जगे मन में अब ऐसे
मस्ती ही हो सबकुछ जैसे
मस्ती रस से परिपूर्ण हुआ
अंहकार से शून्य हुआ


"मैं" तो कब का चला गया
भगवन मस्ती में समा गया

मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली
आओ मिटा दे ख़ुद को ऐसे

पा ले हम अपना हमजोली
ख़ुद से मिल लें ख़ुद से बोले
अब मस्ती की बोली

आओ बनायें मिलके हम
मस्तो की इक टोली
ख़ुद से मिलना जिसकी हसरत
और हसना हो बोली

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अप्रतिम मस्ती

>> गुरुवार, 13 नवंबर 2008


मस्ती सत्यम मस्ती शिवम्
और मस्ती ही सुदरम
मस्ती मनभावन है
मस्ती ही सुन्दरतम

जीवन को नया रूप मिलेगा
सौभाग्य का पुष्प खिलेगा
मस्ती से महका लो जीवन
मस्ती पुष्पम

मस्ती पुण्यम मस्ती दर्शनम
मस्ती खेलम मस्ती गीतम

मस्ती अमृतम मस्ती प्रियतम
मस्ती से ही जीवन मस्तम
मस्तम मस्तम जीवन जोगी
मस्तम मस्तम सुन्दरम

इस पार से उस पार जाना
तो क्यों हसते जायें ,
मस्ती में रहे हर पल
मस्ती में ही झूम जायें

मस्ती अविरल मस्ती अविकल
मस्ती में बीते पल पल मस्तम
मस्ती सत्यम मस्ती अर्थम्
मस्ती सरगम

अप्रतिम है मस्ती
मेरे प्रियतम !मेरे हमजोली !!
आओ कर ले जीवन हम
मस्ती से स्वर्णम

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नया सवेरा

>> बुधवार, 5 नवंबर 2008


आओ देखे नया सवेरा
आओ चले मस्ती का डेरा


मस्ती का जहाँ है मेला
जहाँ नही कोई अभिलाषा
जहाँ प्रेम ही दिलों की भाषा


मस्ती के इस डेरे को देखो
मस्ती के इस घेरे में जी लो
हस लो गा लो खुशी मना लो
जीवन को गीत इक बना लो


मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली
आओ चले हम
मस्ती के मेले
मस्ती में खेले
मस्ती में जी ले ।


कदम बढ़ा ले अपने
मस्ती के डेरे
मस्ती के डेरे
हमें पुकारें

बाँहों को पसारे
जीवन का विस्तार करे
मस्ती के इस मेले में
चलो जीवन विहार करे ।

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परम प्रकाश

>> बुधवार, 29 अक्तूबर 2008


परम प्रकाश मस्ती का फैला उजियारा
मन में मस्ती दीप जला मिटा अँधियारा


मस्ती के पथ पर है जो चलता
आत्मदीप सदा ही जलता

मस्ती के इस प्रकाश में
मिट जाता हर अंधियारा
जो मस्ती की राह पर आया
उसका हर पथ उजियारा

आओ आँगन दीप जलाएं
आओ मन का दीप जलाये

मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली !!
आओ मस्ती के इस प्रकाश में
हम कर ले हर निशा
जीवन की उजली

(आप सभी सुधि पाठकों को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें
दीपो का यह पर्व आपके जीवन में सुख समृद्धि शान्ति और उल्लास
का प्रकाश लाये .....
शुभकामनायें
आपका ही
अमिताभ )

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मस्ती का चाँद

>> रविवार, 19 अक्तूबर 2008

मस्ती का चाँद खिला है
शीतल शीतल
मस्ती से जीवन हुआ
कोमल कोमल

मस्ती की निशा में
तारे आए धुलकर
धवल धवल
फूल खिले जीवन में
नवल नवल

मस्ती की इस रात में
तुम भी आओ
मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली
आओ निकले मिलकर
हम चाँद की एक डोली

चाँद को मस्ती से सजा दो
चाँद को थोडी मस्ती चखा दो
चाँद मस्ती में प्यारा हो जाए
मस्ती में आओ जी के
चाँद से हम मिलकर आयें
(*चन्द्रयान बाईस की अल सुबह प्रक्षेपित हो रहा हैये अवसर हर भारतीय के लिए गर्व का अवसर है .भारत के चाँद पर बढ़ते कदम .. मिशन मून के लिए सभी वैज्ञानिकों को हार्दिक शुभकामनायें..)

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जीवन सुगंध

>> बुधवार, 8 अक्तूबर 2008


हँसकर गाकर करो स्वागत
सुबह दरवाजे पर देती दस्तक

खुश हो जाओ मस्ती पाकर
मस्ती की लय में गाकर
नाच लो गा लो खुशी मना लो
मस्ती को जीवन में बसा लो

मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली
हर सुबह मस्ती में
हस कर गाकर बोली

जिसके जीवन में हर पल मस्ती
बदल जाए उसकी हस्ती
जीवन को खिलते सुमन
जैसे बिताना
जीवन में हर उलझन मिटाना

खिलते फूलों के जैसी मस्ती
जीवन को सुंगध से भर दे

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साधो मस्ती को साधो

>> शुक्रवार, 19 सितंबर 2008


साधो मस्ती को साधो
मस्ती में जीवन को पाओ
इस चोले को कष्ट कितना दिया
इस चोले को देके देखी तुमने पीड़ा

न तो सत्य को पाया
न मिला परमात्मा
घर से दूर निकल के देखा तुमने
पर्वत को बनाया अपना ठिकाना
भगवन वहां भी ना पाया
सत्य तो वहां भी ना जाना

साधो मस्ती को साधो
मस्ती में भगवन को पाओ
मस्ती मस्ती में ही भगवन से ख़ुद को जोडो
मस्ती के आँगन में ख़ुद को ढूंढो
मस्ती से खिलता जीवन है
मस्ती में ही मिलता भगवन है

मस्ती के इस आँगन में साधो
तुम छोड़ के पर्वत आ जाओ
मस्ती में जानो सत्य उस पार के
मस्ती से उस पार चले जाओ

मस्ती तो भगवन है
मस्ती तो दर्शन है
मस्ती ध्यान मस्ती ही योग
मस्ती परम ईश का भोग

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मस्ती में बीते हर पल

>> शुक्रवार, 12 सितंबर 2008

जीवन को कर ले बेहतर
मस्ती में जी ले पल पल
पल पल जीवन को गाते
हम चले इस जग से आगे

पल पल जीवन को आनन्द से भर लें
परमात्मा के इस प्रसाद को
समग्र भाव से हम चख ले
पल पल जीवन को जीते
हम जीवन का विस्तार करे
मस्ती से जीवन को जीते
इस जहाँ से निस्तार करे

मेरे प्रियतम! मेरे हमजोली!!
पल पल में मस्ती भर लो
खोलो अपनी झोली

बीत गया जो पल फिर कभी ना आएगा
बस मस्ती
के रूप में ही
मेरी तुम्हारी स्मृति रह जायेगी
पल पल जीवन को बना ले
हम मस्ती की प्रार्थना
मस्ती को ही कर ले
हम ईश की आराधना

न तो मुझको रहना है
न तुझको ही रहना
आने वाली नस्लों को
दे दे हम मस्ती का खिलौना

मस्ती की इस पुण्य सलिला
में तुम भी बहते जाओ
मेरे प्रियतम !मेरे हमजोली !!
पल पल को मस्ती में जीके
ईश का वंदन कर ले हम हमजोली

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मस्ती की लहर

>> बुधवार, 27 अगस्त 2008


आओ प्रियतम !
उठा ले मस्ती की लहर
मस्ती की आती जाती लहरों में
आओ लहर हम हो जाए
खिली धूप के संग
धूप हो जाए
जीवन के इस सागर में
मस्ती लहर उठाये
मस्ती की फेनिल लड़ियों में
मस्ती के मोती पाये
आओ मस्ती से
उदासी की धुंध हटा दे
मस्ती को ह्रदय से लगा ले
मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली
आओ बनाये मिलकर हम
मस्तो की इक टोली
जीना जिसकी भाषा हो
और हसना हो बोली

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मस्ती जीवन का उजियारा

>> बुधवार, 13 अगस्त 2008


मस्ती का दीपक जला
दूर हुआ अँधियारा
मस्ती जीवन का उजियारा

जब जीवन तपता है
कुंदन बन जाता है
मस्ती की राहों में आकर
जीवन सोना हो जाता है ।

अंधेरों से निकल कर
बढ़ जाते उजियारे पथ पर
मस्ती जीवन का उजियारा

दो बोल बोलो मस्ती से
मन की गांठे खुल जाती है
मस्ती में जीवन जीने से
रूह भी धुल जाती है ।

घोल दो मस्ती को अपने जीवन में
मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली !!
आओ घोले मिलकर हम
मस्ती की बोली !!

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मस्ती की झांझर

>> शुक्रवार, 25 जुलाई 2008


मस्ती की झांझर झन से बाजे
मस्ती की झंकार सुनाये
मस्ती के रस को पागे
जीवन राग बजाये

कितनी बार है जीवन पाया
कितनी बार उसे यूँ ही गंवाया
मस्ती को जब जब न अपनाया
जीवन की सार्थकता को न पाया

मस्ती के गीत को जब
हृदय से लगाया
मस्ती का राग जब
अधरों ने गाया
जीवन काटों मे मुस्काया ।

मस्ती कीर्तन भगवन का
मनुज की उन्मुक्त उड़ान मस्ती
मानव तन की मुक्ति मस्ती
जीवन की भक्ति मस्ती

मस्ती की झांझर मंजीरा बाजे
मेरे आँगन

मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली !!
आओ गायें -बजाये मिलकर
बोले हम मस्ती की बोली ।

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मस्ती स्पंदन

>> मंगलवार, 15 जुलाई 2008


मस्ती मेरा तिलक
मस्ती ही मेरा चंदन
मस्ती मेरा मनका
मस्ती ही भजन

भाल पर भभूत
मस्ती
गले की माला भी
मस्ती

मस्ती जीवन दर्शन है
मस्ती जीवन स्पंदन है

मस्ती के इन
प्रतीकों को
अपने ह्रदय लगाओ
मस्ती के इस
मार्ग पर तुम भी
जाओ

मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली!!
आओ लगा ले
भाल पर हम
मस्ती की रोली
मस्ती के मनको
को फेरे मिलकर हमजोली

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मस्ती की बारिश

>> बुधवार, 2 जुलाई 2008



मस्ती तो बारिश की जैसी
रिमझिम रिमझिम बरसती जाए
मस्ती की बूंदों को पाकर
जीवन खिलता जाए

जीवन था तब तक मरुस्थल
जब तक इसमे मस्ती न आई
मस्ती की बारिश को पाकर
जीवन की बगिया खिल आई

मस्ती जीवन को मुस्काती है
मस्ती जीवन को अपनाती है
मस्ती के इन धारों में
मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली
तुम भी आओ

भीगी भीगी इस मस्ती में
तुम भी भीगते जाओ
ईश प्रसन्न है ,आज मगन है

मस्ती की बारिश का
अवसर शुभ सगुन है
भीगी भीगी इस मस्ती में
मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली
तुम भी आओ

आओ मिलकर हम सब बनाये
मस्ती का ये उत्सव
मस्ती बरस रही है
आज बनकर जीवन का उत्सव !!

जीवन के इस उत्सव में
तुम भी आओ
मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली!!

आओ बनाये मिलकर हम
मस्तों की इक टोली
जीना जिसकी भाषा हो
और हँसना हो बोली .



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जीवन गुंजन

>> शनिवार, 14 जून 2008


मस्ती में डूबा
हर छण पावन है
जीवन का रोपण है
मस्ती ।

जीवन का गुंजन है मस्ती
जीवन का यह नाद
जीवन का आधार है मस्ती
परम ईश का यह प्रसाद

मस्ती तो एक सुधा है
जीवन की यह वसुधा है
जीवन का गौरव है मस्ती
जीवन पुष्प का सौरभ मस्ती

मस्ती के पौधे को रोपो
इसको पालो इसको सींचो
इसका पौधा वृक्ष बनेगा
नए जीवन की छांव बनेगा

इस लोक से उस लोक तक
मस्ती रस को फैला दो
परम ईश को भी अब
मस्ती का भोग लगा दो

फ़िर वहां से जब कोई आएगा
मस्ती रस को संग लाएगा
फ़िर जो यहाँ से जाएगा
मस्ती रस को ही ले जाएगा

मस्ती को सूत्र बनाओ
प्रभु से जुड़ जाने का
मस्ती को मंत्र बनाओ
प्रभु को मनाने का

मस्ती के वट वृक्ष की
इस शीतल छाँव में
तुम भी आओ
मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली!!

आओ बनाये मिलकर हम
मस्तों की इक टोली
जीना जिसकी भाषा हो
और हँसना हो बोली .

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मस्ती भगवन

>> बुधवार, 4 जून 2008

अब बैचैनी नही है मन में
जब से मस्ती जीवन में आई
मस्ती के संग संग फिरने से
मस्ती में खुशियाँ ही पाई

मस्ती में मिला दर्शन
मस्ती में मिला भगवन
भगवन का अवतार है मस्ती
भगवन का प्रसाद है मस्ती

अब बैचैनी नही है मन में
जब से मस्ती जीवन में आई
मस्ती के संग संग फिरने से
मस्ती में खुशियाँ ही पाई

जो मस्ती की राह पकड़ता
दुःख कोई फ़िर जकड़ता
मस्ती में बहता ही जाए
फ़िर जीवन का डोला

मस्ती रस में झूम झूम
फ़िर मन ये बोला
मस्ती ही मेरा मौला है
मस्ती ही मेरा चोला
मस्ती ही मेरा डेरा है
मस्ती ही जीवन का मेला

अब बैचैनी नही है मन में
जब से मस्ती जीवन में आई
मस्ती के संग संग फिरने से
मस्ती में खुशियाँ ही पाई

मस्ती ही धाम प्रभु का
मस्ती ही है प्रभु का नाम

मेरे
प्रियतम !! मेरे हमजोली
आओ बनाये मिलकर हम
मस्तो की एक टोली
जीना जिसकी भाषा हो
और हँसना हो बोली



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मस्ती जीवन की माला

>> मंगलवार, 13 मई 2008

मस्ती जीवन की है माला
मस्ती जीवन का अमृत प्याला
इस अमृत का जिसने पान किया
धन्य हुआ उसका जीवन
उसे ईश का वरदान मिला

मस्त हो जाता जब जीवन
लयबद्ध हो जाता है
रोज़ नयी नयी राहों पर
जीवन चलता जाता है

मस्ती गति है जीवन की
मस्ती रंग है जीवन का
जीवन के इस मूलमंत्र को
अपने हृदय लगाओ

मस्तो की टोली मे
मेरे प्रियतम !! मेरे हमजोली
तुम भी आओ !!

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जीवन बहता जाए

>> मंगलवार, 29 अप्रैल 2008

मस्ती मे जब मन रम जाए
जीवन फ़िर बहता ही जाए
मस्ती से खिल जाए जीवन सुमन
मस्ती मे मिल जाए भगवन

जीवन फ़िर गाता ही जाए
मस्ती मे जीवन खिलता जाए
जीवन फ़िर बहता ही जाए

मस्ती से मिट जाए चिंता की लकीरे
मस्ती से संवार जाती तकदीरें
मस्ती से सुरभित होता
जीवन का कोना कोना
मस्ती शब्द है सोना

हृदय की पुकार को सुनो
मस्ती से जुड़ जाओ
ये आमंत्रण नए जीवन का
मस्तो ** की सोहबत मे चले आओ

जीवन का सार है मस्ती
जीवन के पार है मस्ती
एक पूर्णता है मस्ती
एक दिशा है मस्ती

मस्ती मे जब मन रम जाए
जीवन फ़िर बहता ही जाए
मस्ती से खिल जाए जीवन सुमन
मस्ती मे मिल जाए भगवन

मस्तो की टोली मे आओ
मेरे प्रियतम! मेरे हमजोली !!
आओ बनाये मिलकर हम
मस्तो की टोली
जीना जिसकी भाषा हो
ओर हँसना हो बोली

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जीवन का सार है मस्ती

>> शनिवार, 19 अप्रैल 2008

अनहद गूंजे मस्ती मे
अमृत छलके मस्ती मे
एक योग है मस्ती
एक जोग है मस्ती

मस्त होकर ही रोज़ सुबह
सूरज दस्तक देता है
मस्त निशा मे ही तो
चांद शीतलता देता है

मस्ती स्वभाव है इस कुदरत का
मस्ती भाव है इस जीवन का

बस केवल मस्ती को पकडो
मस्ती की राह से जुड़ जाओ
जीवन का उत्सव है मस्ती
जीवन का गीत झूम झूम गाओ

दो छोर के बीच मे जीवन
आदि पता न अन्त
ढूँढा करते इस रहस्य को
जाने कितने संत ?

दो छोर के बीच है जीवन
पल पल इसका जीते जाओ
मस्तो**की मदिरा है ये
प्रेम से पीते जाओ

खाली हाथ न कोई आता
खाली हाथ न कोई जाता
मस्ती लेकर साथ है आता
मस्ती लेकर साथ है जाता !!

जिस आँगन में फूल खिला है ,
धूप खिली है , मन धुला है .
उस आँगन में तुम भी आओ !
मेरे प्रियतम मेरे हमजोली!!
आओ बनाये मिलकर हम ,
मस्तो की टोली.......

जीना जिसकी भाषा हो .
और हँसना हो बोली !!

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मस्ती का वरदान

>> मंगलवार, 15 अप्रैल 2008

अपने हृदय की गांठ तो खोलो
फिर देखो आनंद बरसता है
मस्ती को पाने की खातिर
मानव जीवन तरसता है ।

धन्य हुआ उनका जीवन
जिनको मस्ती का वरदान मिला
जीवन जिया फिर मस्ती मे
मस्ती मे ही दुनिया को विदा कहा ।

एक प्रवाह है मस्ती
गतिमान धारा है मस्ती
इस धरा पे वरदान है मस्ती
उस लोक का वरदान है मस्ती

मस्ती को जिसने अपनाया है
उसने कभी फिर कुछ न खोया
मस्ती मे पाया ही पाया
मस्ती मे नाचा ही नाचा .

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मस्ती का जादू !!

>> शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2008

शायद मस्ती का यही जादू भी है की जब कोई काम आप जीवन में हसते हुए गाते हुए और नाचते हुए करते हैं . तोजीवन प्रार्थना नज़र आने लगता है. "मस्तो" ने कभी भी स्वयं को जीवन की जटिलता में नही बांधा बल्कि खुद केभीतर के शिशु को हमेशा जीवित रखा. मस्तो की मुस्कान सहज थी . इसलिए उनसे जो भी मिला बस उनका ही हो गया .मस्तो कहते थे की अपने भीतर जो बच्चा है ,उससे रूबरू हो जाना ही वास्तव में अध्यात्म है. . और यहीजीवन की खुशी भी है . मस्तो की टोली का कांसेप्ट जीवन को प्रकाशित करना है ," बाह्य आभा" से नही वरनआतंरिक आभा" से . मस्ती जीवन का एक राग है, जीवन के लयबद्ध होने की घटना है . मस्तो मानवता अब मस्तहोने को है . मस्तो की टोली प्यारे प्रभु मस्तो और मस्ती का आराधन है !! मेरे एक मित्र पूछते है क्या मस्तो कीटोली कोई संप्रदाय है ? मस्तो की टोली किसी गुरु , किसी तरह के वाद नियमो कायदों से परे है .... ये केवल औरकेवल अपने आप से रूबरू होने का प्रयोजन है ... इसके बाद और पहले कोई भी आडम्बर नही है. मस्ती में गाती परवाज , बहते जल , बहती हवा की तरह यह भी एक स्वभाविक सी क्रिया है. जिस दिन हम अपने आप से मिलजायंगे मस्ती खुदबखुद घटने लगेगी .और जिंदगी मस्त हो जायगी उत्सव की तरह !!

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मस्ती की राह

अर्पित पुष्प ! मस्तो तुमको मैं
मस्ती में झूम झूम करता हूँ
पुण्य उदित हुआ मेरा अब
मस्ती की राह पकड़ता हूँ .

आज लगी है धरती गाने
आज मिले हैं नए ठिकाने ।
आज पुण्य उदित हुआ है
मस्ती का रस मिला है
जाग उठी आत्मा
मिल गया परमात्मा !!

मैं नाच रहा मस्ती में
डूब डूब
इस सुनहरी धूप को
चूम चूम !!

अर्पित पुष्प ! मस्तो तुमको मैं
मस्ती में झूम झूम करता हूँ
पुण्य उदित हुआ मेरा अब
मस्ती की राह पकड़ता हूँ ।


पहले था मैं अस्त व्यस्त
अब मैं हूँ बस मस्त मस्त !!

जीवन जागा पुण्य प्रताप से
डर नहीं मृत्यु का आज से
जीवन के इस राग में
बह जाना है झरना बनके
जीवन के इस आसमान में
उड़ जाना है बादल बनके

संवर रहा जीवन मस्ती में
मस्ती में ही विस्तार मिला है
जीवन की जय
मृत्यु का क्षय !!

अर्पित पुष्प ! मस्तो तुमको मैं
मस्ती में झूम झूम करता हूँ
पुण्य उदित हुआ मेरा अब
मस्ती की राह पकड़ता हूँ ।

सुबह होती दिखती है
कायनात गाती सी लगती है
मस्ती में चाँद भी फलक पर
मस्तो तेरे ही गीत गाता है
रोज़ सवरे मस्त होके
सूरज मेरी खिड़की पे आता है !!

अर्पित पुष्प ! मस्तो तुमको मैं
मस्ती में झूम झूम करता हूँ
पुण्य उदित हुआ मेरा अब
मस्ती की राह पकड़ता हूँ ।

मेरे बंजारे जीवन में
मस्ती की झंकार
पायल पहने गोपाला भी
मस्ती में अब मतवाला!!

अर्पित पुष्प ! मस्तो तुमको मैं
मस्ती में झूम झूम करता हूँ
पुण्य उदित हुआ मेरा अब
मस्ती की राह पकड़ता हूँ ।
(प्यारे मस्तो! जीवन को उत्सव बनाने का जो मंत्र तुमने दिया शुक्रिया शुक्रिया )

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जब हुआ मैं अस्त

>> सोमवार, 21 जनवरी 2008



जब हुआ मैं अस्त तो जागी मस्ती
मैं रहा तो नही थी मस्ती .
खुद को भुलाया तो मिली मस्ती !!
मस्ती से मिलकर बदली मेरी हस्ती .

जीवन गरल था और जटिल था
पर मस्तो संग तेरा पाके
मस्ती सुधा का पान किया
अब जीवन है सहज सरल
अब जीवन है सहज सरल.

सच कहते है ज्ञानी ध्यानी
बनके भी क्या हासिल होगा
सहजता सार है इस जीवन का
सहज ही इसकी बोली
मस्तो जीवन बन रहा
अब मस्तो की टोली.

एक उत्सव है !
एक आनंद है !!
मस्ती सार इस जीवन का .

प्यारे मस्तो तुमने ही
शुभ मार्ग पर हमे प्रशस्त किया
राह दिखाई मस्ती की
और ये जीवन मस्त किया !!!

अब जीवन है धन्य
मस्ती का धान्य इसमे पूरा
पूर्ण हुआ जीवन मेरा
मिला मस्तो का डेरा .


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मस्ती जीवन की अभिलाषा



मस्तो ने कहा है ....
जीवन जीना मस्ती में ,
मस्ती में ही भगवान मिलेगा .
मुक्ति मिलेगी मस्ती में ....
मस्ती मेरे मनके हैं
और मस्ती ही मेरी माला
मैं जपता दिन रात बस
मस्ती की ही माला .
मस्ती मेरा पथ हैं
और मस्ती ही मेरी अभिलाषा .

मस्त हुआ जीवन मेरा
मस्तो तेरा साथ मतवाला !!
(प्यारे प्रभु मस्तो को अहोभाव से अर्पित !!)

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