मस्ती जीवन का उजियारा

>> बुधवार, 13 अगस्त 2008


मस्ती का दीपक जला
दूर हुआ अँधियारा
मस्ती जीवन का उजियारा

जब जीवन तपता है
कुंदन बन जाता है
मस्ती की राहों में आकर
जीवन सोना हो जाता है ।

अंधेरों से निकल कर
बढ़ जाते उजियारे पथ पर
मस्ती जीवन का उजियारा

दो बोल बोलो मस्ती से
मन की गांठे खुल जाती है
मस्ती में जीवन जीने से
रूह भी धुल जाती है ।

घोल दो मस्ती को अपने जीवन में
मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली !!
आओ घोले मिलकर हम
मस्ती की बोली !!

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