परम प्रकाश

>> बुधवार, 29 अक्तूबर 2008


परम प्रकाश मस्ती का फैला उजियारा
मन में मस्ती दीप जला मिटा अँधियारा


मस्ती के पथ पर है जो चलता
आत्मदीप सदा ही जलता

मस्ती के इस प्रकाश में
मिट जाता हर अंधियारा
जो मस्ती की राह पर आया
उसका हर पथ उजियारा

आओ आँगन दीप जलाएं
आओ मन का दीप जलाये

मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली !!
आओ मस्ती के इस प्रकाश में
हम कर ले हर निशा
जीवन की उजली

(आप सभी सुधि पाठकों को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें
दीपो का यह पर्व आपके जीवन में सुख समृद्धि शान्ति और उल्लास
का प्रकाश लाये .....
शुभकामनायें
आपका ही
अमिताभ )

1 टिप्पणियाँ:

shama 4 नवंबर 2008 को 5:43 am बजे  

"Masteeke pathpar jo hai chalta,
Aatmdeep sadahee jaltaa"
Yaad rahengee ye panktiyan hamesha, hamesha !


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