मस्ती भगवन
>> बुधवार, 4 जून 2008

जब से मस्ती जीवन में आई
मस्ती के संग संग फिरने से
मस्ती में खुशियाँ ही पाई ।
मस्ती में मिला दर्शन
मस्ती में मिला भगवन
भगवन का अवतार है मस्ती
भगवन का प्रसाद है मस्ती ।
अब बैचैनी नही है मन में
जब से मस्ती जीवन में आई
मस्ती के संग संग फिरने से
मस्ती में खुशियाँ ही पाई ।
जो मस्ती की राह पकड़ता
दुःख कोई न फ़िर जकड़ता
मस्ती में बहता ही जाए
फ़िर जीवन का डोला ।
मस्ती रस में झूम झूम
फ़िर मन ये बोला
मस्ती ही मेरा मौला है
मस्ती ही मेरा चोला
मस्ती ही मेरा डेरा है
मस्ती ही जीवन का मेला ।
अब बैचैनी नही है मन में
जब से मस्ती जीवन में आई
मस्ती के संग संग फिरने से
मस्ती में खुशियाँ ही पाई ।
मस्ती ही धाम प्रभु का
मस्ती ही है प्रभु का नाम
मेरे प्रियतम !! मेरे हमजोली
आओ बनाये मिलकर हम
मस्तो की एक टोली
जीना जिसकी भाषा हो
और हँसना हो बोली ।