मस्ती स्पंदन

>> मंगलवार, 15 जुलाई 2008


मस्ती मेरा तिलक
मस्ती ही मेरा चंदन
मस्ती मेरा मनका
मस्ती ही भजन

भाल पर भभूत
मस्ती
गले की माला भी
मस्ती

मस्ती जीवन दर्शन है
मस्ती जीवन स्पंदन है

मस्ती के इन
प्रतीकों को
अपने ह्रदय लगाओ
मस्ती के इस
मार्ग पर तुम भी
जाओ

मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली!!
आओ लगा ले
भाल पर हम
मस्ती की रोली
मस्ती के मनको
को फेरे मिलकर हमजोली

2 टिप्पणियाँ:

विक्रांत बेशर्मा 23 जुलाई 2008 को 9:33 am बजे  

मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली!!
आओ लगा ले
भाल पर हम
मस्ती की रोली ।
मस्ती के मनको
को फेरे मिलकर हमजोली

बहुत अच्छे अमिताभ ...आपकी मस्ती के हम भी कायल हो गए.

Amitabh 16 अप्रैल 2009 को 2:06 pm बजे  

really fantastic...'masti ka tilak' the adornments...really super.


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