मस्ती स्पंदन
>> मंगलवार, 15 जुलाई 2008
मस्ती मेरा तिलक
मस्ती ही मेरा चंदन
मस्ती मेरा मनका
मस्ती ही भजन ।
भाल पर भभूत
मस्ती ।
गले की माला भी
मस्ती
मस्ती जीवन दर्शन है
मस्ती जीवन स्पंदन है
मस्ती के इन
प्रतीकों को
अपने ह्रदय लगाओ
मस्ती के इस
मार्ग पर तुम भी
आ जाओ ।
मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली!!
आओ लगा ले
भाल पर हम
मस्ती की रोली ।
मस्ती के मनको
को फेरे मिलकर हमजोली ।
मस्ती ही मेरा चंदन
मस्ती मेरा मनका
मस्ती ही भजन ।
भाल पर भभूत
मस्ती ।
गले की माला भी
मस्ती
मस्ती जीवन दर्शन है
मस्ती जीवन स्पंदन है
मस्ती के इन
प्रतीकों को
अपने ह्रदय लगाओ
मस्ती के इस
मार्ग पर तुम भी
आ जाओ ।
मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली!!
आओ लगा ले
भाल पर हम
मस्ती की रोली ।
मस्ती के मनको
को फेरे मिलकर हमजोली ।
2 टिप्पणियाँ:
मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली!!
आओ लगा ले
भाल पर हम
मस्ती की रोली ।
मस्ती के मनको
को फेरे मिलकर हमजोली
बहुत अच्छे अमिताभ ...आपकी मस्ती के हम भी कायल हो गए.
really fantastic...'masti ka tilak' the adornments...really super.
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