नया सवेरा

>> बुधवार, 5 नवंबर 2008


आओ देखे नया सवेरा
आओ चले मस्ती का डेरा


मस्ती का जहाँ है मेला
जहाँ नही कोई अभिलाषा
जहाँ प्रेम ही दिलों की भाषा


मस्ती के इस डेरे को देखो
मस्ती के इस घेरे में जी लो
हस लो गा लो खुशी मना लो
जीवन को गीत इक बना लो


मेरे प्रियतम ! मेरे हमजोली
आओ चले हम
मस्ती के मेले
मस्ती में खेले
मस्ती में जी ले ।


कदम बढ़ा ले अपने
मस्ती के डेरे
मस्ती के डेरे
हमें पुकारें

बाँहों को पसारे
जीवन का विस्तार करे
मस्ती के इस मेले में
चलो जीवन विहार करे ।

1 टिप्पणियाँ:

!!अक्षय-मन!! 5 नवंबर 2008 को 8:08 pm बजे  

mast-mast sa man hua masti ki toli sang chala .........

bahut hi sundar accha laga padkar.....akshay-man


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