मस्ती जीवन की माला
>> मंगलवार, 13 मई 2008
मस्ती जीवन की है माला
मस्ती जीवन का अमृत प्याला
इस अमृत का जिसने पान किया
धन्य हुआ उसका जीवन
उसे ईश का वरदान मिला
मस्त हो जाता जब जीवन
लयबद्ध हो जाता है
रोज़ नयी नयी राहों पर
जीवन चलता जाता है
मस्ती गति है जीवन की
मस्ती रंग है जीवन का
जीवन के इस मूलमंत्र को
अपने हृदय लगाओ
मस्तो की टोली मे
मेरे प्रियतम !! मेरे हमजोली
तुम भी आओ !!
4 टिप्पणियाँ:
भाई जान, आपके तो किसी भी कमाल में देर नहीं लगती फिर भला मस्ती में कैसे...बहुत खूब लिखा है. सम्पूर्ण रचना बेहतर.
bahut badhiya...dekha jaaye to jeevan ka saar bhi yahi hai!
bahut khub hai..yanha bhi masti ke rang chalak rahe hai.
kafi mast hai :-)
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